Master of Art Geography Course Detail in Hindi, एडमिशन , स्कॉलरशिप, जाब के अवसर

यदि आप बैचलर डिग्री कंप्लीट कर चुके हैं और ज्योग्राफी में पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते हैं अर्थात Master of Art Geography करने के बारे में सोच रहे हैं और जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं की मास्टर ऑफ आर्ट [ ज्योग्राफी ] में करने की क्या फायदे हैं

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इससे हमारे लिए जॉब के क्या ऑप्शन है और फ्यूचर में हमें किस प्रकार की अलग-अलग अवसर प्राप्त हो सकते हैं इन सभी के बारे में कंप्लीट जानकारी आपको इस ब्लॉक पोस्ट को पढ़ने के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी।

Master of Art MA in Geography

जो छात्र जियोग्राफी अर्थात भूगोल में मास्टर डिग्री हासिल करना चाहते हैं और यह कोर्स करना चाहते हैं उन छात्रों को इस कोर्स में पृथ्वी के बारे में संपूर्ण अध्ययन कराया जाता है

और साथ ही पृथ्वी पर उपस्थित सभी वस्तुओं और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में कंपलीट नॉलेज दी जाती है और इस पृथ्वी पर होने वाली समस्त घटनाओं के बारे में भी इस कोर्स में डिटेल से बताया जाता है।

मास्टर ऑफ़ आर्ट ज्योग्राफी कोर्स के अंदर लेक्चर ट्यूटोरियल प्रैक्टिकल सेशन और इंडिपेंडेंस स्टडी शामिल होती है इस कोर्स का सिस्टम कुछ इस प्रकार से डिजाइन किया गया है ।

Master of Art Geography

जिसमें आपको फिजिकल ज्योग्राफी, हुमन ज्योग्राफी के साथ-साथ एक स्पिरिचुअल एनालिसिस, क्लाइमेट सिस्टम और एनवायरमेंट प्रक्रिया के अलावा लैंड फॉर्म के बारे में भी काफी डिटेल से जानकारी दी जाती है।

एम इन ज्योग्राफी कोर्स के अंदर रिसर्च प्रोजेक्ट के साथ फील्ड वर्क भी शामिल किया गया है इस कोर्स में विद्यार्थियों को पृथ्वी पर होने वाली समस्त घटनाओं के बारे में ऑप्शन डाइजेशन पैटर्न, पापुलेशन डायनॉमिक्स, के साथ-साथ रिसोर्स मैनेजमेंट और सस्टेनेबल डेवलपमेंट, के बारे में भी डिटेल स्टडी कराई जाती है

और एक्सपीरियंस के द्वारा विद्यार्थियों को ज्योग्राफी के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जा सकती है ताकि छात्र आगे चलकर किसी भी कॉलेज का जियोग्राफी में प्रिंसिपल या फिर वीडियो लॉजिस्टिक बनकर देश का नाम रोशन करें।

मास्टर ऑफ़ आर्ट ज्योग्राफी में करने के बाद विद्यार्थी कैटोग्राफर ज्योग्राफर रिसर्च एनालिसिस टीचर जैसी नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं एम ज्योग्राफी कोर्स विद्यार्थियों के लिए है जिनमें एनवायरमेंटल सस्टेनेबिलिटी ऑप्शन प्लानिंग रिसोर्स मैनेजमेंट पर्सनल डेवलपमेंट के लिए फैशन है और रिसर्च प्रोबलम को एस्टेब्लिश करना चाहते हैं।

MASTER OF ART IN Geography Course Eligibility in Hindi

  • MA GEOGRAPHY कोर्स करने के लिए विद्यार्थियों को ज्योग्राफी और उससे जुड़ी कई फील्ड के अंदर बैचलर डिग्री को पूरा करना है जिसके अंदर कम से कम 50% होना चाहिए।
  • यदि आपने स्नातक की परीक्षा में 50% अंक प्राप्त किया है तभी आप इस कोर्स के लिए योग्य माने जाएंगे। यह कोर्स आप देश के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था या विश्वविद्यालय से कर सकते हैं ।
  • देश के कुछ संस्थानों में बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के आपको एडमिशन प्राप्त हो जाता है लेकिन कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिसमें आपको एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है।

Master of art course in geography duration

मास्टर ऑफ़ आर्ट कोर्स ज्योग्राफी 2 साल का होता है जिसके अंदर चार सेमेस्टर निर्धारित किए गए हैं और हर एक सेमेस्टर 6 महीने का होता है।
अर्थात जब आप किसी भी विश्वविद्यालय में अपना एडमिशन प्राप्त करेंगे तब आपको पहले 5 मंथ तक पढ़ाया जाएगा फिर आपका एग्जाम कराया जाएगा।

Master of Art in Geography Syllabus in Hindi

MA geography कोर्स के अंदर कौन-कौन से विषय शामिल होते हैं और सिलेबस क्या होता है।

Semester: 1 [ 6 Months ]

  • Geomorphology
  • Climatology and soil geography
  • Natural of geography
  • Quantitive techniques and digital data processing
  • Human geography of economic geography
  • Surviving and field report technique
  • Cartography technique and map projections

Semester 2 [ 6 month ]

  • Geohydrology and oceanography
  • Cartography technique and map of projection
  • Remote sensing and geographical information system
  • Thematic maping and geography information system
  • Historical and political geography
  • Biogeography
  • Regional geography

Semester 3 [ 6 month ]

  • Regional planning and development
  • Population Geography
  • Urban geography
  • Environmental geography
  • Advance cartography
  • Remote sensing application in geography
  • Graphical information system application
  • Social culture and settlement geography

Semester 4 [ 6 month ]

  • Disservation thesis research
  • Research methodology
  • Seminar
  • Electric subject

यह केवल 2 साल के अंदर पढ़ाई जाने वाले विषयों के चैप्टर के नाम है जिनके बारे में आपको काफी विस्तार से जानकारी दी जाएगी और थियोरेटिकल के साथ-साथ आपको प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट भी कराए जाएंगे